मुझे खुशी थी कि मैं भी एक औरत हूं और दूसरी औरत के लिए मैंने कुछ किया है। मुझे खुशी थी कि मैं भी एक औरत हूं और दूसरी औरत के लिए मैंने कुछ किया है।
कोई पति कैसे अपनी जीवनसंगिनी को किसी और को सौंप सकता है। कोई पति कैसे अपनी जीवनसंगिनी को किसी और को सौंप सकता है।
नारी समाज की दर्पण है ।राष्ट्र की गरिमा ,प्रतिष्ठा ,और समृद्धि नारी से ही है । नारी समाज की दर्पण है ।राष्ट्र की गरिमा ,प्रतिष्ठा ,और समृद्धि नारी से ही है ।
मालनी ने कहा तुम बच्चों के पिता के रूप में घर में रह सकते हो... मेरे पति के रूप में नही मालनी ने कहा तुम बच्चों के पिता के रूप में घर में रह सकते हो... मेरे पति के रूप ...
कैसे कपड़े पहन रखे हैं। पति तो छोड़कर चला गया और उस पर से यह श्रृंगार। कैसे कपड़े पहन रखे हैं। पति तो छोड़कर चला गया और उस पर से यह श्रृंगार।
यह बस कहानी नही सच्चाई है। हमारा समाज कितना भी विकसित हो जाए परंतु अपनी सोच को विकसित नही कर सकता। यह बस कहानी नही सच्चाई है। हमारा समाज कितना भी विकसित हो जाए परंतु अपनी सोच को व...